पिछले कुछ समय से फिल्में ही नहीं बल्कि वेब सीरीज के मेकर्स तरह-तरह की कहानियां को अपनी फिल्मों के जरिए खूब बनाने में लगे हैं। अगर पिछले दो सालों की वेब सीरीज पर नजर डाली जाए तो दर्शकों ने सबसे ज्यादा क्राइम थ्रिलर फिल्में पसंद की हैं।शेफाली शाह, रसिका दुग्गल, तेलिंग, गोपाल दत्त की यह राजेश जोड़ी Delhi crime season 2 में एक ऐसा मामला है जिसे स्टूडियो में अपना दिमाग खपाते हैं जिसे लेकर एक बार फिर दिल्ली में लिबास का माहौल था।
Delhi crime season 2 highlights
Delhi crime season 2 में इस बार कातिलों की ताकत अमीर बुज़ुर्ग दंपत्ति पर थी जो अकेले रह रहे थे। पहली बार ही एक साथ चार हत्याएं पुलिस ने की हैं, जिसमें चार हत्याएं शामिल हैं और फिर शुरू हुई जांच की शुरुआत और कई से गुनाहगारों की बेगुनाहों को पकड़ लिया गया और फिर छोड़े जाने की चिल्लाहट और अंततः पुलिस टीम असली कातिलों को धराशायी हो गई।
ताज़ातरीन बातें पसंद की पटकथा से। आम तौर पर वेब सीरीज में कहानी को डिटेलिंग में दिखाया जाता है। अब छह छह घंटे की वेब सीरीज में चोरों को पुलिस झट से पकड़ ले तो बाकी समय में आइटम नंबर तो नहीं दिखाएंगे इसलिए एक कहानी समानांतर वेब सीरीज में कई सारी कहानियां बिकती हैं।
पुलिस जो जांच कर रही है उसमें सिर्फ इतना ही नहीं दिखाया गया है कि वो अपराध के दृश्यों पर क्या सुराग लगा रहे हैं बल्कि उनकी निजी जिंदगी में भी जो तलाक होने वाला एंगल दर्शकों को दिखाया गया है. अच्छा आज कल के हर वेब सीरीज में पुलिस वाला हीरो हो या हेरोइन हो, उनके अपने पति या पत्नी से कभी अच्छे संबंध नहीं बने।
तो ऐसा नहीं है कि दिल्ली क्राइम में ये सब नहीं है. ज़रूर है लेकिन एक सीमा में एक शॉट, दो शॉट में उनके पारिवारिक जीवन को ख़त्म करने की कहानी वापस जांच पर आ जाती है। तो यहां कहानी से तेज़-तर्रार अहसास होता है जहां रोमांच और उत्साह बना रहता है। पटकथा की खासियत का जिक्र इसी से किया जा सकता है कि हत्या की पहली बात जब पुलिस ने गायब कर दी तो कलाकारों की सूची में एक फेस क्रीम का जिक्र होता है।
जिसमें उस वक्त पुलिस वाले ने कहा था कि कोई क्रीम का क्या मतलब है लेकिन उस क्रीम का एक लिंक ही आगे की पूरी कहानी है और ऐसा नहीं है कि स्क्रीन राइटर ग्लास स्ट्रेंथ के एक्टर्स से यह लिंक आपको कंसिस्टेंट लगता है। यह आसानी से समझ में आ जाता है और मेकर्स जिस प्रकार से क्राइम का लिंक लेते हैं वो इस वेब सीरीज के लिए उपयोगी है।
Delhi crime season 2 में शेफाली साल पहले की तरह ही यहां भी निराश नहीं करती।एक एजेंट पुलिस अधिकारी के तौर पर उनकी छोटी छोटी आँखें दिखती रहती हैं। या यूं कहें कि इशारा करते हैं.
बेटी के साथ बात करते हुए उनकी बोली का लहजा यानि एक गहराई जो वो अपराधी की तरह लगती है उसी टोन में बात करने पर बदल जाती है। कई बार वो थकी हुई लगती हैं ऐसा लगता है कि पुलिस अधिकारी इतना आलस्य कैसे करते हैं लेकिन पीछा करने वाले दृश्य में फिर उनके प्रयोगात्मक दृश्य दिखते हैं जो महसूस करते हैं कि हर स्थिति के लिए अलग-अलग तरह के इशारे होते हैं जिनमें रसिका दुग्गल के अलावा कुछ अन्य शामिल होते हैं। राजेश तेलिंग, आदिल हुसैन और गोपाल दत्त का भी काम है।
Delhi crime season 2 trailer
Delhi crime season 2 overall review
Delhi crime season 2 वेब सीरीज में एक और एक्ट्रेस है जिसने आपको आकर्षित किया हो सकता है उसका नाम है तिलोत्मा शो। कम देखा में भी वो अपने किरदार से आपका ध्यान खींचेगी। वेब सीरीज में उनके जिस तरह के किरदार थे, मुझे लगता है उनसे खेलना आसान नहीं होगा। एक साइको पने से भरा किरदार में भी अभिनेता आसानी से अभिनय कर सकते हैं लेकिन साइको पने के साथ एक आम महिला की तरह की सजा की चाहत में दोनों सोच को साथ लेकर प्रदर्शन करना आसान काम नहीं है।
उनका काम बहुत अच्छा है. आम वेब सीरीज के क्लॉक में यह कहानी अधिक रफ़्तार पकड़ती है और जिस प्रकार से तीन चार एपिसोड तक एक साजिश रची गई ताकि दोषियों तक पहुंच सके। अंतिम एपिसोड में फिल्म निर्माता लिटिल जल्दबाज़ी करते हैं। दिलचस्प था और मुझे लगता है कि इसमें यह गुंजाइश थी कि इसे रोमांच और उत्साह के साथ थोड़ा और खींचा जा सके जिसमें आदिवासी कहानी को पुलिस द्वारा शुरू किया जाता है।
Delhi crime season 2 में लगा जैसे ये लोग कहानी से आखिरी तक कनेक्टेड रहे, लेकिन वो एकदम से फ्रेम से बाहर हो जाते हैं। जो खुलता है और आखिरी में अपराधियों को भी जल्द ही दिखाया गया था, इसलिए यहां फिल्म के कुछ पॉइंट्स काटे जा सकते हैं। निर्देशन अच्छा है, सिनेमैटोग्राफी ठीक है, बीजीएम औसत है।
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